ये ज़मीन साथ रहे, आसमान साथ रहे
मैं सच कहूँ और मेरी जबान साथ रहे
वो सख्स बढ़ता है जितना भी बुलंदी की तरफ
बताओ उसको की उतनी ढलान साथ रहे
सफ़र की आग सितारों मैं कहीं खो जाए
यूँ न हो तुझसे मिलूं और थकान साथ रहे
यूँ कबूतर अमन के उसने उदय हर सू
मगर हमेशा ही तीरों कमान साथ रहे
हयात बख्सी है मुझको तो ये हुनर भी दे
करूँ मैं आरती जिस पल अज़ान साथ रहे
वो सादगी वो हंसी, वो तेरे थिरकते लब
मैं घर से दूर रहूँ तेरा गुमान साथ रहे
नहीं है कौन जो बाज़ार की न ज़द मैं हो
करे जो प्यार भी 'अंजुम' दुकान साथ rahe
मैं सच कहूँ और मेरी जबान साथ रहे
वो सख्स बढ़ता है जितना भी बुलंदी की तरफ
बताओ उसको की उतनी ढलान साथ रहे
सफ़र की आग सितारों मैं कहीं खो जाए
यूँ न हो तुझसे मिलूं और थकान साथ रहे
यूँ कबूतर अमन के उसने उदय हर सू
मगर हमेशा ही तीरों कमान साथ रहे
हयात बख्सी है मुझको तो ये हुनर भी दे
करूँ मैं आरती जिस पल अज़ान साथ रहे
वो सादगी वो हंसी, वो तेरे थिरकते लब
मैं घर से दूर रहूँ तेरा गुमान साथ रहे
नहीं है कौन जो बाज़ार की न ज़द मैं हो
करे जो प्यार भी 'अंजुम' दुकान साथ rahe